बसीना मोरी नगरी ए भोले बाबा
आईना मोरी नगरी 2
अपना चुनरिया के झाड़ बनाएब
बहराब राउर डगरी ए भोले बाबा
आईना मोरी नगरी 2
गंगा किनारे हम नीर भरे जाएब
चढ़ाएब भरी गगरी ए भोले बाबा
आईना मोरी नगरी 2
बेल के बगइचा में भोरे भोरे जाएब
चढ़ाएब बेलपत्री ए भोले बाबा
आईना मोरी नगरी 2
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रचनाकार
शिवभक्त - रविशंकर उपाध्याय