जागो...
जग उज्यारा छाए,
मन का अन्धेरा जाए,
किरणों की रानी गाए,
जागो हे मेरे मन मोहन, प्यारे
जागे रे जागे रे सारी कालिया जागी
नगर नगर सब कालिया जागी,
जागे रे जागे रे, जागे रे जागे रे जग जग
जागो मोहन प्यारे, जागो...
नवयुग चूमे नैन तिहारे
भीगी भीगी अखिओं से मुस्काए,
यह नयी भोर तोहे अंग लगाए
बाहे फैलाओ ओ दुःख हारे,
जागो मोहन प्यारे, जागो...
जिसने मन का दीप जलाया,
दुनिया को उसने ही उजला पाया
मत रहना अखिओं के सहारे,
जागो मोहन प्यारे, जागो...
किरण परी गगरी छलकाए,
ज्योत का प्यासा प्यास भुझाए
फूल बने मन के अंगारे,
जागो मोहन प्यारे, जागो...
जागो मोहन प्यारे, जागो...
नवंबर 03, 2022
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