भोला सज के चलेले ससुराल हो सिंगार चकाचक भईल बा। - bhola saj ke chalele sasural ho sringar

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भोला सज के चलेले ससुराल हो सिंगार चकाचक भईल बा।


माथे सोहे गंगा लिलार सोहे चंदा , अंगे भभूति बाघाम्बर अंगा।।


देखी देखी सब निहाल, वृद्ध बाल हो  श्रृंगार चकाचक भईल बा।




हार सर्प माला त बिछुवन के बाला,


जटवा में गूथ लिहले नाग काला काला।


भईल नंदीपर उल्टे सवार हो, सृंगार चकाचक भईल बा। भोला सज के चलेले.....




देख के अद्भुत छबि देवता नाराज भइले, 


छोड़ छोड़ शिवजी के अलगे समाज कइले।


बाबा प्रगट कईले भूत के समाज हो, बेहाल सब लोग भईल बा।। भोला सज के चलेले...




चलके बारात पहुँचल, हिमाचल राजधानी।


मैना रानी लेके अईली हाथ में अछत पानी। 


दूल्हा के भेष में खाढ़ अवढरदानी।


उनकर घूमे लागल देखके कपार हो, निहाल सब लोग भईल बा।। भोला सज के चलेले....


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