सतगुरू मैं तेरी पतंग बाबा मैं तेरी पतंग हवा विच उडदी जावाँगी - satguru main teri patang

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सतगुरू मैं तेरी पतंग, बाबा मैं तेरी पतंग, 

हवा विच उडदी जावाँगी। 

बाबा डोर हत्थों छड्डी ना, मैं कट्टी जावाँगी। 

सांईया डोर हत्थों छड्डी ना, मैं कट्टी जावाँगी ॥

 सतगुरू मैं तेरी पतंग…….

 

बड़ी मुश्किल दे नाल मिलियाँ, 

मैंनू तेरा द्वारा है, बाबा तेरा द्वारा है।

मैंनू इको तेरा आसरा नाल, 

तेरा सहारा है, बाबा तेरा सहारा है ।।

हुन तेरे ही भरोसे, हवा विच उडदी जावाँगी, 

बाबा डोर…॥१॥

 

ऐना चरणां कमला नालो, मैंनू दूर हटावी ना-२, 

इस झूठे जग दे अन्दर, मेरा पेंचा लाई ना-२ 

जे कट गई तां सतगुरू, फिर मैं लुट्टी जावाँगी, बाबा डोर…॥२॥

 

आज मलया बुहा आके, मैं तेरे द्वार दा-२

हथ रख दे इक वारी तू, मेरे सिर ते प्यार दा-२

फिर जन्म मरण दे गेड़े, तो मैं बचदी जावाँगी, बाबा डोर…।॥३॥

 

 सतगुरू मैं तेरी पतंग, हवा विच उडदी जावाँगी ।

 बाबा डोर हत्थों छड्डी ना, मैं कट्टी जावाँगी ।

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