हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
असुरों में मची है देखो खलबली , लंका में आये हनुमान बली।।
प्रथम प्रहार किए लंकिनी पर,नाई चरन सुरपुर को चली
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
जाई विभीषण को सुख दीन्हि , पायो सिया की सुधि भली।
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
करि लघु रूप पाई तरु पल्लव , छिपी रह्यौ दिन जाई ढली।
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
स्त्री समाज समेत दसशीशा, साम दाम भय भेद चली
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
त्रिजटा स्वप्न सुनी सब निसिचरी ,निज निज गृह सब भाग चली
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
सुअवसर जानी सुनाए संदेशा , रंक श्रावण आज हुए हैं धनी
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
अजर अमर वर पाए सहज कपि, कीन्ह अनुग्रह जनक नंदनी
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
पाई अनुशाशन पैठे पुनि बागा, खाएसि फल किए विटप कमी।
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
मारे निसिचर सहित दनुज सूत , मूर्छित किए मेघनाद छली।
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
रावण को सिख दिए हैं महाबली, रघुनन्दन से ने बैर भली।
हनुमान बली हनुमान बली, देखो लंका में आए हनुमान बली।
करने लगे कपि ज्ञान की वृष्टि, बदलने लगी दनुज की दृष्टि।
वर्षा के सरिता के नीर के जैसे, सुख गए पुनि चुप भए जैसे।।