श्री गणनायक अष्टकम् - shree gannayak ashtakam

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श्री गणनायक अष्टकम् लिरिक्स संस्कृत 



 श्री गणनायक अष्टकम्

एकदन्तं महाकायं तप्तकांचनसन्निभम् ।

लंबोदरं विशालाक्षं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ १ ॥

 

मौञ्जीकृष्णाजिनधरं नागयज्ञोपवीतिनम् ।

बालेन्दुविलसन्मौलिं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ २ ॥

 

अम्बिकाहृदयानन्दं मातृभिः परिपालितम् ।

भक्तप्रियं मदोन्मत्तं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ ३ ॥

 

चित्ररत्नविचित्रांगं चित्रमालाविभूषितम् ।

चित्ररूपधरं देवं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ ४ ॥

 

गजवक्त्रं सुरश्रेष्ठं कर्णचामरभूषितम् ।

पाशांकुशधरं देवं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ ५ ॥

 

मूषिकोत्तममारुह्य देवासुरमहाहवे ।

योद्धुकामं महावीर्यं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ ६ ॥

 

यक्षकिन्नरगन्धर्व सिद्धविद्याधरैस्सदा ।

स्तूयमानं महात्मानं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ ७ ॥

 

सर्वविघ्नकरं देवं सर्वविघ्नविवर्जितम् ।

सर्वसिद्धिप्रदातारं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ ८ ॥

 

गणाष्टकमिदं पुण्यं भक्तितो यः पठेन्नरः ।

विमुक्तस्सर्वपापेभ्यो रुद्रलोकं स गच्छति ॥ ९ ॥


श्री गणनायक अष्टकम वीडियो 

Video credit goes to S.P. BALASUBRAHMANYAM

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