जेकरा खातिर तपस्या तू कइलू , जाके जंगल में में पतई चबैलू ए गौरा।
कि एहो गौरा गरवा में झूले विषधरवा देखिके लागे डरवा ए रामा।।
लइका कोरा में चिहुके डेरागईले हो चिलाके केतना घर में लुका गईले हो।
प्रेत भुत एक गोड़वा पर नाचत हवे एक आँखे कनखियाँ उ ताकत हवे।।
डार लचकाके नाचे डाईनिया देखके धाई पराईल नौनिया ए गौरा।
कि लोटे पूरा देहिया पर बिच्छू गोजरावा देखिके लागे डरवा ए रामा।। २
दूल्हा सेंट परफ्यूम न मरले हवे , मुँहवा धोवले न केसिया सवरले हवे।
बसहा लागे कि सिंघिया भीरा दिहे हो ,करेजा के धड़कन बढ़ा दिहे हो।.
एगो हाडा जे भीतरी समाईल , महँगा देख बारात पड़ी जाई ए गौरा।
कि आँख मुदि खोजले बाबूजी तोहार बरवा देखिके लागे दवा ए रामा।।
कौनो घुसके रसोईआ में खातावे हो कउनो कुइयाँ में गिरके चिलातारे हो।
नारद अगुवा सजा काहे दे तारे हो , कवना जनम के बदला उ ले तारे हो।.
बाड़े जबसे बरतिया ई आईल प्यारेलाल बाड़े घर में लुकाइल ए गौरा।
कि छोड़के भागीले राजू खेसारी अपान घरवा देखिके लागे डरवा रामा