जेकरा खातिर तपस्या तू कइलू , जाके जंगल में में पतई चबैलू ए गौरा। - jekara khatir tapasya tu kailu lyrics in hindi

ravi shankar
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 जेकरा खातिर तपस्या तू कइलू , जाके जंगल में में पतई  चबैलू ए गौरा। 

कि एहो गौरा गरवा में झूले विषधरवा देखिके लागे डरवा ए रामा।।


लइका कोरा में चिहुके  डेरागईले हो चिलाके केतना घर में लुका गईले हो।

प्रेत भुत एक गोड़वा पर नाचत हवे एक आँखे कनखियाँ   उ ताकत हवे।।


डार लचकाके नाचे डाईनिया  देखके धाई पराईल नौनिया ए  गौरा। 

कि  लोटे पूरा देहिया पर बिच्छू गोजरावा देखिके लागे डरवा ए रामा।। २ 


दूल्हा सेंट परफ्यूम न मरले हवे , मुँहवा धोवले न केसिया सवरले हवे। 

बसहा लागे कि  सिंघिया भीरा दिहे हो ,करेजा के धड़कन बढ़ा दिहे हो।.


एगो हाडा जे भीतरी समाईल , महँगा देख बारात पड़ी जाई ए गौरा। 

कि आँख मुदि खोजले बाबूजी तोहार बरवा देखिके लागे दवा ए रामा।।


कौनो घुसके रसोईआ में खातावे हो कउनो कुइयाँ में गिरके चिलातारे हो। 

नारद अगुवा सजा काहे दे तारे हो , कवना जनम के बदला उ ले तारे हो।.


बाड़े जबसे बरतिया ई आईल प्यारेलाल बाड़े घर में लुकाइल ए गौरा। 

कि छोड़के भागीले राजू खेसारी अपान घरवा देखिके लागे डरवा रामा 




 

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