प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो लिरिक्स - Prabhu ji mere avgun chit na dharo bhajan

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सूरदास भजन 



प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो लिरिक्स

Soordas-Prabhu Ji More Avgun Chitt Na Dharo Lyrics

Soordas Bhajan Lyrics Hindi

Devotional Bhajan Lyrics in Hindi

प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

समदर्शी है प्रभु नाम तिहारो,

चाहो तो पार करो,

प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

एक लोहा पूजा मे राखत,

एक घर बधिक परो,

सौ दुविधा पारस नहीं जानत,

कंचन करत खरो,

प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

इक नदियाँ इक नाल कहावत,

मैलो ही नीर भरो,

जब मिली दोनों एक बरन भए,

तन माया जो ब्रह्म कहावत,

सूरसू मिल बिधारो,

के इनको नीरधार कीजिये,

कई पण जात तारो,

 प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

समदर्शी है प्रभु नाम तिहारो,

चाहो तो पार करो,

प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो,

ओरिजिनल लिरिक्स

हमारे प्रभु, औगुन चित न धरौ।

समदरसी है नाम तुहारौ, सोई पार करौ॥

इक लोहा पूजा में राखत, इक घर बधिक परौ।

सो दुबिधा पारस नहिं जानत, कंचन करत खरौ॥

इक नदिया इक नार कहावत, मैलौ नीर भरौ।

जब मिलि गए तब एक-वरन ह्वै, सुरसरि नाम परौ॥

तन माया, ज्यौ ब्रह्म कहावत, सूर सु मिलि बिगरौ।

कै इनकौ निरधार कीजियै कै प्रन जात टरौ॥ 




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